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Showing posts from April, 2020

Vaisakha Shukla Ashtami (वैशाख शुक्ल अष्टमी)

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वैशाख शुक्ल पाक्षिक पंचांग : वैशाख शुक्ल पक्ष की विशेष जानकारी 'वेबदुनिया' के पाठकों के लिए 'पाक्षिक पंचाग' श्रृंखला में प्रस्तुत है वैशाख माह के शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पंचांग-   संवत्सर- विरोधकृत। संवत्- 2075। शक संवत्- 1940। माह- वैशाख। पक्ष- शुक्ल पक्ष। ऋतु- वसंत-ग्रीष्म। रवि- उत्तरायण। गुरु तारा- उदित स्वरूप। शुक्र तारा- उदित स्वरूप। सर्वार्थ सिद्धि योग- 17 अप्रैल, 23 अप्रैल। अमृतसिद्धि योग- अनुपस्थित। द्विपुष्कर योग- अनुपस्थित। त्रिपुष्कर योग- 17 अप्रैल, 22 अप्रैल। रविपुष्य योग- 22 अप्रैल। गुरुपुष्य योग- अनुपस्थित। एकादशी- 26 अप्रैल (मोहिनी एकादशी व्रत)। प्रदोष- 27 अप्रैल। भद्रा- 19 अप्रैल (उदय अस्त), 22 अप्रैल (उदय अस्त), 25 अप्रैल (उदय) - 26 अप्रैल (अस्त), 29 अप्रैल (उदय/अस्त)। पंचक- अनुपस्थित। ग्रहाचार : सूर्य मेष राशि में, चन्द्र (सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करते हैं), मंगल-धनु, बुध-मीन, गुरु-तुला, शुक्र-मेष, शनि-धनु, राहु-कर्क, केतु-मकर। व्रत/त्योहार- 18 अप्रैल अक्षय तृतीया (अखातीज) व परशुराम जयंती, 20 अप्रैल सूरदास जयंती, 23 अप्रैल देवी बगलामुखी ज...

रमजान क्या है

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इस मास की विशेषताएं महीने भर के  रोज़े  (उपवास) रखना रात में तरावीह की  नमाज़  पढना क़ुरान  तिलावत (पारायण) करना एतेकाफ़ बैठना, यानी गांव और लोगों की अभ्युन्नती व कल्याण के लिये  अल्लाह  से दुआ (प्रार्थना) करते हुवे मौन व्रत रखना ज़कात  देना दान धर्म करना अल्लाह का शुक्र अदा करना। अल्लाह का शुक्र अदा करते हुवे इस महीने के गुज़रने के बाद  शव्वाल  की पहली तारीख को  ईद उल-फ़ित्र  मनाते हैं। इत्यादी को प्रमुख माना जाता है। कुल मिलाकार पुण्य कार्य करने को प्राधान्यता दी जाती है। इसी लिये इस मास को नेकियों और इबादतों का महीना यानी पुण्य और उपासना का मास माना जाता है। [3] रमज़ान और कुरान का अवतरण: मुसलमानों के विश्वास के अनुसार इस महीने की २७वीं रात  शब-ए-क़द्र  को क़ुरान का नुज़ूल (अवतरण) हुआ। इसी लिये, इस महीने में क़ुरान ज़्यादा पढना पुण्यकार्य माना जाता है। तरावीह की नमाज़ में महीना भर कुरान का पठन किया जाता है। जिस से क़ुरान पढना न आने वालों को क़ुरान सुनने का अवसर ज़रूर मिलता ...

गणेश चतुर्थी

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आधिकारिक नाम गणेश चतुर्थी अनुयायी हिन्दू ,  भारतीय , भारतीय प्रवासी प्रकार Hindu उत्सव दस दिन समापन अनंत चतुर्दशी तिथि भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी गणेश चतुर्थी  हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार  भारत  के विभिन्न भागों में मनाया जाता है किन्तु  महाराष्ट्र  में बडी़ धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन  गणेश  का जन्म हुआ था।गणेश चतुर्थी पर हिन्दू भगवान गणेशजी की पूजा की जाती है। कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है। इस प्रतिमा का नो दिन तक पूजन किया जाता है। बड़ी संख्या में आस पास के लोग दर्शन करने पहुँचते है। नो दिन बाद गाजे बाजे से श्री गणेश प्रतिमा को किसी तालाब इत्यादि जल में विसर्जित किया जाता है। गणेश उत्सव क्यों मनाते है श्रस्टि के आरम्भ में जब यह प्रश्न उठा की प्रथम पूज्य किसे माना जाय ! तो देवता भगवान् शिव के पास पहुंचे ! तब शिव जी ने कहा संपूर्ण  पृथ्वी  की परिक्रमा जो सबसे पहले कर लेगा ! उसे ही प्रथम पूज्य माना  जायगा...